इलाहाबाद : परीक्षा संस्थाओं की गलती का खमियाजा प्रतियोगियों को
भुगतना पड़ रहा है। चयन बोर्ड प्रवक्ता 2013 के छिटपुट विषयों को छोड़कर सभी रिजल्ट घोषित
कर चुका है। केवल प्रवक्ता का इतिहास का परिणाम अब तक अटका है। यह रिजल्ट फंसने का
कारण परीक्षा में पूछे गए छह प्रश्नों के जवाब हैं। प्रकरण हाईकोर्ट तक पहुंचा,
कोर्ट ने नवंबर 2017 में ही आठ हफ्ते में
रिजल्ट देने का आदेश दिया लेकिन, अब तक उसका अनुपालन नहीं हो
सका है।
चयन बोर्ड ने प्रवक्ता
इतिहास का विज्ञापन 28 दिसंबर 2013 को
जारी किया था। बालक वर्ग के 42 व बालिका वर्ग के 12 सहित कुल 54 पदों की लिखित परीक्षा 21 जून 2015 को हुई। चयन बोर्ड ने 29 जुलाई को उत्तर कुंजी जारी की। इसके बाद पहली संशोधित उत्तर कुंजी 26
अप्रैल 2016 को दूसरी संशोधित उत्तर कुंजी 30
जून 2016 को जारी की गई। यही नहीं बोर्ड ने
पहला परिणाम 12 मई 2016 को और दूसरा
परिणाम तीन अगस्त 2016 को जारी किया। इसके बाद 20, 21
व 22 सितंबर 2016 को
इसका साक्षात्कार हुआ जिसमें 331 अभ्यर्थियों को बुलाया गया
उनमें 260 ने इंटरव्यू दिया। परीक्षा में पूछे गए छह प्रश्नों
के गलत जवाब को लेकर अभ्यर्थियों ने नौ सितंबर 2016 को
हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। कोर्ट ने चार अक्टूबर 2016 को इसका रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगा दी। इस पर चयन बोर्ड ने विशेषज्ञ
समिति की ओर से दिए गए उत्तरों का शपथपत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया, जिसे मानकर कोर्ट ने आठ नवंबर 2017 को आदेश दिया कि
आठ हफ्ते में इसका परिणाम घोषित किया जाए। पुनर्गठन नहीं होने से कोर्ट के आदेश के
बाद भी रिजल्ट घोषित नहीं हो सका। बीते 23 अप्रैल को चयन
बोर्ड की नई टीम की पहली बैठक हुई, अभ्यर्थियों को उम्मीद थी
कि इसमें उनके परिणाम निकलने की तारीख तय होगी।