मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की 11 फरवरी को सम्पन्न हुई जूनियर इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) ट्रेनी पद की ऑनलाइन परीक्षा में कथित धांधली व पक्षपात की शिकायत पर एसटीएफ से जांच कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेन्स नीति है। इसलिए किसी भी शिकायत की सत्यता सामने आना राज्य सरकार की स्वच्छ और पारदर्शी छवि के लिए आवश्यक है। उन्होंने जांच को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने के निर्देश भी दिए हैं। यह जानकारी बुधवार को यहां राज्य सरकार के प्रवक्ता ने दी। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा द्वारा एक पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रकरण से अवगत कराते हुए इसकी निष्पक्ष जांच प्रदेश सरकार की किसी एजेन्सी से कराने का अनुरोध किया गया था। इस पत्र में ऊर्जा मंत्री ने यह भी उल्लिखित किया है कि पावर कारपोरेशन द्वारा परीक्षार्थियों के लिए इस परीक्षा की आन्सर-की 18 फरवरी 2018 को जारी की गई थी। इसके जारी होने के बाद परीक्षार्थियों के हवाले से खबरें प्रसारित की गईं कि उक्त परीक्षा में कुछ केन्द्रों पर अनियमितताएं हुई हैं। इतना ही नहीं सूत्रों का कहना है कि यूपीपीसीएल के कुछ अधिकारी और कर्मचारी ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली एजेंसी से मिले हैं। इसके कारण यह पूरी परीक्षा में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी की गयी और हद यह कि इसमें एक भी परीक्षार्थी का सहीं चयन हो पाएगा इसमें भी संदेह जताया जा रहा है। 226 पदों के लिए 25600 ने दी थी परीक्षा :यूपी पावर कारपोरेशन के जेई के 226 पदों पर 25 हजार 600 ने लिखित परीक्षा दी थी। इसके लिए विज्ञापन जारी किया गया तो 30800 अभ्यर्थियों ने अर्जी दी थी, लेकिन लिखित परीक्षा में 25689 अभ्यर्थी ही दाखिल हुए थे। परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों ने धांधली की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचायी थी।