उत्तर प्रदेश
लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में नवनियुक्त परीक्षा नियंत्रक अरविंद कुमार मिश्र को
कई चुनौतियों का सामना करने को तैयार रहना होगा। सबसे बड़ी चुनौती प्रिंटिंग
प्रेसों का पैनल बनाना, पुराने परीक्षा परिणाम जारी करना और नई परीक्षाओं का कैलेंडर
जारी करना है। नए परीक्षा नियंत्रक के पदभार संभालने के बाद ही ये काम शुरू किए जा
सकेंगे।
एलटी ग्रेड
पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने पूर्व परीक्षा नियंत्रक को गिरफ्तार करने के साथ
उनका मोबाइल भी जब्त कर लिया था। आयोग के सूत्रों का कहना है कि इसी मोबाइल में
प्रिंटिंग प्रेस संचालकों के नाम और मोबाइल नंबर थे। इसके अलावा विषय विशेषज्ञों, परीक्षकों और
मॉडरेटरों की जानकारी भी उनके मोबाइल में थी। ये सभी जानकारियां गोपनीय होती हैं, लेकिन मोबाइल एसटीएफ
के पास जाने के बाद यह जानकारियां अब सार्वजनिक हो चुकी हैं। ऐसे में नए परीक्षा
नियंत्रक अरविंद कुमार मिश्र को इन सभी बिंदुओं पर नए सिरे से मशक्कत करनी होगी।
प्रिंटिंग प्रेसों के चयन की प्रक्रिया काफी जटिल और पूरी तरह से गोपनीय होती है। इसकी जानकारी केवल परीक्षा नियंत्रक के पास होती है। प्रिंटिंग प्रेसों के चयन के बाद मौके पर उनका सत्यापन किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने में दो से तीन माह का वक्त लगेगा। इसके अलावा परीक्षा नियंत्रक को विशेष विशेषज्ञों और परीक्षकों का नया पैनल भी तैयार करना होगा। सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा कैलेंडर है, जो पूर्व परीक्षा नियंत्रक की गिरफ्तारी के बाद स्थगित किया जा चुका है। नए परीक्षा नियंत्रक पर कैलेंडर भी समय से जारी करने का दबाव रहेगा।
जल्द जारी करना होगा पीसीएस-2019 का विज्ञापन
नए परीक्षा नियंत्रक को भर्ती परीक्षाओं के नए कैलेंडर के साथ पीसीएस-2018 का विज्ञापन भी जल्द जारी करना होगा। आयोग ने जो कैलेंडर स्थगित किया है, उसमें पीसीएस-2019 परीक्षा भी शामिल थे। अगर आयोग इस साल परीक्षा नहीं करा पाता है तो पीसीएस परीक्षा का सत्र पिछड़ जाएगा। इसके अलावा पीसीएस-2017 की मुख्य परीक्षा का रिजल्ट, आरओ/एआरओ 2016 की प्रारंभिक परीक्षा, आरओ/एआरओ 2017 की मुख्य परीक्षा, जेई भर्ती परीक्षा-2013 का रिजल्ट भी समय से जारी करने का दबाव भी नए परीक्षा नियंत्रक पर होगा।
प्रिंटिंग प्रेसों के चयन के बाद ही होगी पीसीएस मेंस-2018
पीसीएस 2018 की मुख्य परीक्षा 17 जून से प्रस्तावित थी। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया भी पूरी हो गई थी, लेकिन एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में पकड़े गए प्रेस संचालक के पास से पीसीएस मेंस-2018 का पेपर मिलने के बाद आयोग ने इस पेपर को आउट मान लिया। अब नई प्रिंटिंग प्रेस के चयन के बाद नए सिरे से पीसीएस मेंस 2018 का पेपर छपेगा और इसके बाद परीक्षा आयोजित कराई जाएगी।
गलत सवालों से निपटना भी चुनौती
नए परीक्षा नियंत्रक के लिए परीक्षाओं में लगातार पूछे जा रहे गलत सवालों से निपटना भी बड़ी चुनौती होगी। आयोग की तकरीबन सभी प्रमुख परीक्षाओं में गलत सवाल पूछे जाने के मामले सामने आते रहे हें। पीसीएस-2018 की प्रारंभिक परीक्षा में भी दस से अधिक गलत सवाल पूछे गए थे। ऐसे में परीक्षा नियंत्रक के लिए नए विषय विशेषज्ञों का पैनल तैयार करना आसान नहीं होगा।
प्रिंटिंग प्रेसों के चयन की प्रक्रिया काफी जटिल और पूरी तरह से गोपनीय होती है। इसकी जानकारी केवल परीक्षा नियंत्रक के पास होती है। प्रिंटिंग प्रेसों के चयन के बाद मौके पर उनका सत्यापन किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने में दो से तीन माह का वक्त लगेगा। इसके अलावा परीक्षा नियंत्रक को विशेष विशेषज्ञों और परीक्षकों का नया पैनल भी तैयार करना होगा। सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा कैलेंडर है, जो पूर्व परीक्षा नियंत्रक की गिरफ्तारी के बाद स्थगित किया जा चुका है। नए परीक्षा नियंत्रक पर कैलेंडर भी समय से जारी करने का दबाव रहेगा।
जल्द जारी करना होगा पीसीएस-2019 का विज्ञापन
नए परीक्षा नियंत्रक को भर्ती परीक्षाओं के नए कैलेंडर के साथ पीसीएस-2018 का विज्ञापन भी जल्द जारी करना होगा। आयोग ने जो कैलेंडर स्थगित किया है, उसमें पीसीएस-2019 परीक्षा भी शामिल थे। अगर आयोग इस साल परीक्षा नहीं करा पाता है तो पीसीएस परीक्षा का सत्र पिछड़ जाएगा। इसके अलावा पीसीएस-2017 की मुख्य परीक्षा का रिजल्ट, आरओ/एआरओ 2016 की प्रारंभिक परीक्षा, आरओ/एआरओ 2017 की मुख्य परीक्षा, जेई भर्ती परीक्षा-2013 का रिजल्ट भी समय से जारी करने का दबाव भी नए परीक्षा नियंत्रक पर होगा।
प्रिंटिंग प्रेसों के चयन के बाद ही होगी पीसीएस मेंस-2018
पीसीएस 2018 की मुख्य परीक्षा 17 जून से प्रस्तावित थी। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया भी पूरी हो गई थी, लेकिन एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में पकड़े गए प्रेस संचालक के पास से पीसीएस मेंस-2018 का पेपर मिलने के बाद आयोग ने इस पेपर को आउट मान लिया। अब नई प्रिंटिंग प्रेस के चयन के बाद नए सिरे से पीसीएस मेंस 2018 का पेपर छपेगा और इसके बाद परीक्षा आयोजित कराई जाएगी।
गलत सवालों से निपटना भी चुनौती
नए परीक्षा नियंत्रक के लिए परीक्षाओं में लगातार पूछे जा रहे गलत सवालों से निपटना भी बड़ी चुनौती होगी। आयोग की तकरीबन सभी प्रमुख परीक्षाओं में गलत सवाल पूछे जाने के मामले सामने आते रहे हें। पीसीएस-2018 की प्रारंभिक परीक्षा में भी दस से अधिक गलत सवाल पूछे गए थे। ऐसे में परीक्षा नियंत्रक के लिए नए विषय विशेषज्ञों का पैनल तैयार करना आसान नहीं होगा।