पीसीएस-जे 2018 का अंतिम चयन
परिणाम जुलाई के अंत में जारी किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पर
परीक्षा का अंतिम चयन परिणाम समय से जारी करने का दबाव है। ऐसे में आयोग की ओर से
जल्द ही इंटरव्यू का विस्तृत कार्यक्रम जारी किया जा सकता है। आयोग शनिवार को
इंटरव्यू का कार्यक्रम जारी कर सकता है।
आयोग ने
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में हलफनामा दिया था कि परीक्षा का अंतिम चयन परिणाम मई
तक जारी कर दिया जाएगा लेकिन, ऐसा नहीं हो सका। आयोग ने शुरुआत में तो तेजी दिखाई और
प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम 20 दिनों में ही जारी कर दिया लेकिन, मुख्य परीक्षा का रिजल्ट देने में आयोग को
तकरीबन साढ़े चार माह का वक्त लगा। मुख्य परीक्षा का परिणाम आने के बाद आयोग के
सचिव जगदीश ने स्पष्ट कर दिया था कि इंटरव्यू का आयोजन एक सप्ताह बाद शुरू करा
दिया जाएगा। ऐसे में इंटरव्यू का विस्तृत कार्यक्रम जल्द जारी हो सकता है। आयोग के
सूत्रों का कहना है कि आयोग जुलाई के अंत में अंतिम चयन परिणाम जारी कर सकता है।
अगर इंटरव्यू में आयोग विलंब करता है तो अंतिम चयन परिणाम के लिए अभ्यर्थियों को
अगस्त तक का इंतजार करना पड़ सकता है।
पीसीएस जे मेंस के रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप
पीसीएस-जे मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के बाद इसमें असफल रहे अभ्यर्थियों ने परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि परिणाम अप्रत्याशित है। जो अभ्यर्थी पूर्व में दो से तीन बार मुख्य परीक्षा में सफल हो चुके हैं, उनमें से ज्यादातर को इस बार असफल घोषित कर दिया गया। अभ्यर्थियों कहना है कि इस बाद मुख्य परीक्षा बदले पैटर्न पर हुई थी और प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद 25 दिनों के बाद ही मुख्य परीक्षा करा दी गई थी। ऐसे में अनुभवी पुराने अभ्यर्थियों को इसका लाभ मिलना चाहिए था, क्योंकि वह पहले से तैयारी कर रहे थे और उनकी तैयारी बेहतर थी। इसके बावजूद नए अभ्यर्थियों का चयन अधिक संख्या में हुआ और कई ऐसे अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में छंट गए, जो पूर्व की दो परीक्षाओं में इंटरव्यू दे चुके हैं और वर्तमान में एपीओ के पद पर तैनात हैं। अभ्यर्थियों ने अनियमितता का आरोप लगाते हुए परीक्षा पुन: कराने की मांग की है और निर्णय लिया है कि इस मुद्दे पर 17 जून को आयोग पर प्रदर्शन करेंगे।
पीसीएस जे मेंस के रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप
पीसीएस-जे मुख्य परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के बाद इसमें असफल रहे अभ्यर्थियों ने परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि परिणाम अप्रत्याशित है। जो अभ्यर्थी पूर्व में दो से तीन बार मुख्य परीक्षा में सफल हो चुके हैं, उनमें से ज्यादातर को इस बार असफल घोषित कर दिया गया। अभ्यर्थियों कहना है कि इस बाद मुख्य परीक्षा बदले पैटर्न पर हुई थी और प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद 25 दिनों के बाद ही मुख्य परीक्षा करा दी गई थी। ऐसे में अनुभवी पुराने अभ्यर्थियों को इसका लाभ मिलना चाहिए था, क्योंकि वह पहले से तैयारी कर रहे थे और उनकी तैयारी बेहतर थी। इसके बावजूद नए अभ्यर्थियों का चयन अधिक संख्या में हुआ और कई ऐसे अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में छंट गए, जो पूर्व की दो परीक्षाओं में इंटरव्यू दे चुके हैं और वर्तमान में एपीओ के पद पर तैनात हैं। अभ्यर्थियों ने अनियमितता का आरोप लगाते हुए परीक्षा पुन: कराने की मांग की है और निर्णय लिया है कि इस मुद्दे पर 17 जून को आयोग पर प्रदर्शन करेंगे।