उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा पीसीएस-जे 2018 परीक्षा का साक्षात्कार कराने के खिलाफ अभ्यर्थी लामबंद हैं। वे परीक्षा
प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाकर आयोग के खिलाफ आंदोलनरत अभ्यर्थी ‘मिशन पोस्ट कार्ड’ शुरू करेंगे। इसके
तहत परीक्षा में धांधली होने का ब्योरा पोस्ट कार्ड में लिखकर राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा।
अभ्यर्थियों की ओर से ऐसे 11 हजार पोस्ट कार्ड
भेजे जाएंगे।
पोस्ट कार्ड में अभ्यर्थियों की ओर से यह बताया जाएगा कि पीसीएस-जे परीक्षा
में इलाहाबाद हाईकोर्ट में दिए गए शपथ पत्र में मुख्य परीक्षा की तारीख 16 फरवरी 2019 निर्धारित
की थी, फिर अचानक
प्रारंभिक परीक्षा के बाद बदलाव करके 30
जनवरी से
फरवरी करके मात्र 45
दिन का समय
क्यों दिया गया। जबकि यह अवधि 60
दिन की
होनी चाहिए। इसमें उसने मलिक मजहर सुल्तान बनाम उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के
मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए परीक्षा कराने संबंधी दिशा-निर्देशों का
उल्लंघन किया गया है। अभ्यर्थी आशीष पटेल का कहना है कि परीक्षा परिणाम घोषित करने
के बाद साक्षात्कार के लिए जो समयसीमा होनी चाहिए, आयोग उसका भी पालन नहीं कर रहा है, जो साबित
करता है कि पूरी प्रक्रिया में धांधली की जा रही है। कांग्रेस शिक्षक प्रकोष्ठ के
प्रदेश महामंत्री अजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस छात्रों के साथ है।
- पीसीएस-जे 2018 के खिलाफ अभ्यर्थी भेजेंगे 11 हजार पोस्ट कार्ड
- परीक्षा में धांधली का ब्योरा लिखकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को भेजेंगे