उप्र लोकसेवा आयोग की पीसीएस-जे 2018 परीक्षा को निरस्त
करने की मांग को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। परीक्षा में धांधली का
आरोप लगाकर दाखिल की गई याचिका से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ और दोनों पक्ष सुनने के
बाद याचिका खारिज कर दी।
याचिका मो. जुबैर और छह अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति आरएसआर
मौर्य और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की पीठ ने सुनवाई की। याचिका में कहा गया था
कि उप्र लोकसेवा आयोग की गिरफ्तार की गई परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंजू कटियार के
कार्यकाल में पीसीएस-जे 2018
परीक्षा
हुई थी। डॉ. अंजू के कार्यकाल में हुई दूसरी परीक्षाएं धांधली में फंसी है, जिनकी जांच
चल रही है। पीसीएस-जे परीक्षा भी उसी में शामिल है, जिसे कराने में अनियमितताएं की गई है, लिहाजा इसे
निरस्त किया जाए। इस पर आयोग के अधिवक्ता अवनीश त्रिपाठी व अन्य अधिवक्ताओं का
कहना था कि पीसीएस-जे 2018
की
प्रारंभिक और लिखित परीक्षा पूरी हो चुकी है अब इसका साक्षात्कार चल रहा है।
परीक्षा के दौरान आयोग में किसी प्रकार की शिकायत नहीं आयी न कोई आरोप लगाया गया, जिससे यह
कहा जा सके कि परीक्षा की शुचिता संदिग्ध है।
आज भी दाखिल होगी याचिका
पीसीएस-जे परीक्षा 2018
को निरस्त
कराने को लेकर कुछ छात्र मंगलवार को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। छात्र आशीष
पटेल के नेतृत्व में याचिका दाखिल करने की तैयारी कर ली गई है।